Tuesday, March 23, 2010

बुंदेलखंड का विकास: परिदृश्य एवं संभावनाएं

श्री जगन्नाथ सिंह, पूर्व गृह सचिव, उ० प्र०

बुंदेलखंड एक अलग एवं स्वतंत्र आर्थिक -
सामाजिक - भौगोलिक प्रक्षेत्र है | इस क्षेत्र का विकास तब तक संभव नहीं हो सकता, जबतक बुंदेलखंड क्षेत्र की विशिष्ट समस्याओं की पहचान, उनके समाधान की खोज, योजना विरचन एवं कार्यान्वयन का कार्य बुंदेलखंड की धरती पर बैठकर नहीं होगा | अभी तक एक भिन्न आर्थिक - सामाजिक - भौगोलिक क्षेत्र (लखनऊ एवं भोपाल) से बुंदेलखंड के सभी कार्य संपन्न हो रहे हैं | तभी तो बुंदेलखंड की समस्याओं के समाधान की बात तो बहुत दूर है, अभी तक समस्याओं तक की सही रूप से पहचान नहीं हो सकी है और बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के सर्वाधिक पिछड़े हिस्से के रूप में है | वैसे आजकल राजनीतिक दृष्टि से बुन्देलखंड दोनों प्रदेशों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गया है और दोनों प्रदेश तथा केंद्र सरकार बुंदेलखंड के विकास के सम्बन्ध में बढ़ चढ़ कर बातें कर रही है और बहुत अधिक वित्तीय सनसाधन बुंदेलखंड के लिए आवंटित हो रहे हैं, पर दूरस्त प्रणाली द्वारा संचालित होने के कारण इन विकासपरक प्रयासों का लाभ न तो बुंदेलखंड को मिल पा रहा है और न ही बुंदेलखंड की धरती पर दृष्टिगोचर ही हो रहा है |
देश में इसी प्रकार की पिछड़े एवं उपेक्षित क्षेत्र अलग हो कर उत्तरांचल एवं छत्तीसगढ़ राज्य बने हैं, तबसे क्षेत्रवासियों में अदम्य उत्साह का संचरण हुआ है और इन दोनों राज्यों के विकास की गति कई - कई गुना बढ़ गई है | अलग राज्य बनने के बाद इन दोनों राज्यों के निवासियों में निजता एवं आत्मनिर्णय का भाव उत्पन्न हो गया है और क्षेत्रवासी अपने - अपने प्रदेशों को आगे बढ़ने की ओर तेजी से बढ़ चले हैं |
बुंदेलखंड की एक भिन्न स्तिथि यह भी है कि बुंदेलखंड के आधे जनपद उत्तर प्रदेश एवं आधे जनपद मध्य प्रदेश के अंतर्गत आते हैं | यह भी एक ध्रुव सत्य है कि बुंदेलखंड सांस्कृतिक, पर्यटन एवं खनिज सम्पदा की दृष्टि से काफी समृद्ध है और कदाचित उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सरकारें यह नहीं चाहेंगी कि उनसे उनका यह हिस्सा अलग हो जाए | यह भी सही है कि मध्य प्रदेश का बुदेलखंड वन एवं खनिज सम्पदा कि दृष्टि से उत्तर प्रदेश स्थित बुंदेलखंड से अपेक्षा अधिक समृद्ध है | अतएव इस बृहत्तर बुंदेलखंड के एकीकरण के फलस्वरूप पूरे बुन्देलखंड का वास्तविक विकास संभव हो सकेगा और उत्तरांचल एवं छत्तीसगढ़ जैसे नए प्रदेशों की भांति बुंदेलखंड के लोग हीन भावना से उबरकर स्वाभिमान एवं निजता के भाव से अपना विकास कर सकेंगे | 


अपना बुंदेलखंड डोट कॉम के लिए श्री जगन्नाथ सिंह पूर्व जिलाधिकारी, झाँसी एवं चित्रकूट द्वारा

1 comment:

  1. सर प्रणाम,

    आपका ब्लॉग पड़ा पड़कर अच्छा लगा कि आप सेवानिवृत्ति के बाद भी विकास कार्यों के लिए तत्पर है | सिंह सर के विकास कार्यों की वजह से ही आज बुंदेलखंड के झाँसी और चित्रकूट जिले अन्य जिलों से अधिक विकसित है | वहां पर लोग सामाजिक कार्यों के प्रति अधिक जागरूक है | मैं स्वयं चित्रकूट जनपद से हूँ सिंह साहब ने जो चित्रकूट के विकास के लिए किया वो तो लोग हमेशा याद रखेंगे और मैं आशा करता हूँ कि सिंह साहब का समाज के प्रति कार्य और विकास करने का जज्बा समाज और बुंदेलखंड कि तस्वीर को बदल देगा ऐसा मेरा विश्वास है |



    प्रेम चन्द्र गुप्ता

    राजापुर , चित्रकूट, उ० प्र०

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