Tuesday, September 21, 2010

अयोध्या मे " राम दर्शन " मंदिर का निर्माण

  इस समय सारा देश सशंकित और स्तंभित है कि २४ सितम्बर को उच्च  न्यायालय का क्या फैसला होगा और फैसले के बाद क्या होगा ? यह कुछ दिन बड़े कठिन व  संवेदनशील तथा भारत के लिए परीक्षा की घडी के समान है | यह बड़े संतोष की बात है कि संघ परिवार तथा बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी दोनों  का  अभी तक का रुख सकारात्मक व सुर भी बदले हुए प्रतीत होते हैं | यह भी बड़ा सुखद है कि आम हिन्दू व मुसलमान इस बार भावावेश मे आने वाला नहीं है , इस तथ्य को दोनों वर्गों के नेता समझते हैं कि इस बार अफवाहों का बाज़ार ठंढा रहेगा | पर धर्म व राजनीति की रोटी सेकने वालों तथा अमेरिका मे अँगरेज़ पादरी द्वारा पवित्र कुरान को जलाने की घोषणा के बाद कश्मीर दुनिया भर मे सबसे अधिक  प्रतिक्रिया कश्मीर के मुसलमानों मे होने वाली घटना के परिप्रेक्ष्य मे  इस विशाल  भारत मे कुछ भी होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है |
                        खैर यहाँ मै कुछ और कहने जा रहा हूँ जो प्रासंगिक तो है ही उपयोगी भी है | भगवान राम मर्यादा पुरुषोतम तो थे ही , वे  समाज के प्रत्येक क्षेत्र मे आदर्श स्थापित करने वाले एक व्यवस्थाकार भी थे | भगवान राम ने आदर्श पुत्र , आदर्श भाई , आदर्श शिष्य , आदर्श पति , आदर्श शासक , आदर्श मित्र , आदर्श शत्रु के प्रतिमान स्थापित किये थे और व्यावहारिक जीवन मे इन समस्त आदर्शों को चरितार्थ किये थे | ऐसे सैकड़ों प्रसंगों से राम चरित मानस भरा पड़ा है | भगवान राम के जीवन के इन प्रसंगों , जिनसे राम के आदर्श , राम की शिक्षाएं तथा राम के दर्शन की जानकारी लोगों को हो सके , ऐसा प्रयास करने की आवश्यकता है | ताकि अयोध्या , जहाँ कोई युद्ध नहीं होता , मे आने वाले लोगों को राम के दर्शन हो सके और उन्हें राम के दर्शन की वास्तविक जानकारी मिल सके | अयोध्या मे ऐसा राम दर्शन मंदिर निर्मित कराये जाने की अत्यधिक उपयोगिता और  आवश्यकता है | यह उपयोगितावाद पर आधारित अवधारणा है और इससे किसी का विरोध हो ही नहीं सकता |
                मै चित्रकूट मे जिलाधिकारी था और संयोगवश नानाजी देशमुख के साथ बैठा था | उसी समय कुछ लोग नाना जी से मिलने आ गए | उन लोगो ने नाना जी से पूछा कि अयोध्या मे राम मंदिर कब बनेगा ? नानाजी ने उनसे पूंछा कि तुम सब चित्रकूट भ्रमण कर चुके हो , तो क्या तुम्हे राम के दर्शन हुए ? मै चाहता हूँ कि चित्रकूट मे आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को राम के दर्शन हों और राम के दर्शन की जानकारी हो सके | अतयव मै ऐसा मंदिर बनवाने जा रहा हूँ , जिसका नाम होगा "राम दर्शन " | राम दर्शन के शिल्पकार थे सुहाश बहुलकर और वास्तुकार थे पुनीत सुहैल | मै तो केवल राम दर्शन के निर्माण का प्रत्यक्षदर्शी मात्र  था कि नाना जी कैसे रामायण के महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद  प्रसंगों को चयनित करते थे ? उन्होंने अपने कुशल  निर्देशन मे विभिन्न पगोडा मंदिरों मे रिलीफ , पेंटिंग और डायोरमा के माध्यम से राम दर्शन को निर्मित कराया था | नाना जी की सोच बहुत व्यापक थी और उसी सोच से प्रभावित होकर मैं इस मत का हूँ कि अयोध्या मे भी विशाल राम दर्शन बनवाये जाने की बहुत बहुत आवश्यकता है , ताकि अयोध्या आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को राम के दर्शन हो सके और उन्हें राम के दर्शन की सम्पूर्ण जानकारी हो सके | यह दक्षिण भारत के मंदिरों की भांति बहुत विशाल और भव्य हो और इसकी व्यवस्था भी तदनुसार हो |


अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम के लिए श्री जगन्नाथ सिंह पूर्व जिलाधिकारी, (झाँसी एवं चित्रकूट) द्वारा

2 comments:

  1. ram bhi nahi chahaten honge ki kuch anist ho isaliye faisale bhi vahi hoga

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