Thursday, April 8, 2010

कोल आदिवासियों के वैधानिक दर्जे में विसंगति

भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कोल आदिवासियों के कल्याण हेतु अनेक कार्य किये और उनका कोल आदिवासियों से बहुत लगाव था | माता सीता ने भी कोल बालाओं के बीच उनके कल्याणार्थ कार्य किये थे | आज भी कोल बालाएं अपने कोल्हाई लोकगीतों मे स्वयं को सीतासखियाँ कहती हैं और अपने लोकगीतों मे विलाप करते हुए कहती हैं कि सीताजी आपकी सीतासखियाँ बहुत दुखीं हैं और बिना तुम्हारे आये हमारे दुखों का निराकरण होना संभव नहीं है | अतः एक बार तुम पुनः आ कर  और अपनी सीतासखियों की दशा सुधार जाओ |

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में कोल अनुसूचित जाति और मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के रूप मे वर्गीकृत हैं | दोनों प्रदेशों के कोल एक ही पृष्ठ भूमि  के हैं और  उनकी आपस मे ही शादियाँ भी होती हैं | उनमें  रहन सहन, रीतिरिवाज और सांस्कृतिक समानता भी   है |

ऐसा भी देखने मे आया है कि परिवार का एक भाई उत्तर प्रदेश के गाँव मे रहने के  कारण अनुसूचित जाति का है तो वहीँ उसका दूसरा भाई मध्य प्रदेश मे बार्डर के सटे हुए गाँव मे मकान बनाने के कारण अनुसूचित जनजाति मे आता है | यह नैसर्गिक न्याय एवं समानता के सिद्दांत के एकदम विपरीत है |

जातियों का यह वर्गीकरण भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र मे आता है |  यह विसंगिति कदाचित  म० प्र० में अनुसूचित जन जातियों और उ० प्र० में अनुसूचित जातियों की प्रमुखता से हुई है | भारत सरकार द्वारा इस मामले को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में निर्णित करके इस  विसंगिति को दूर किया जा सकता है |  इस परिप्रेक्ष्य मे भारत सरकार द्वारा अपनी गलती सुधारने का काम अविलम्ब करना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश के कोलो मे व्याप्त कुंठा को दूर किया जा सके और वे मध्य प्रदेश के कोलो के सामान अनुसूचित जनजाति की  सुविधाएं प्राप्त कर सकें |

दोनों प्रदेशों में जातियों के दर्जे में भिन्नता के अलावा एक ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में जातियों को अलग दर्जा प्राप्त हैं | सहरिया जाति बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर जनपद मे अनुसूचित जनजाति के रूप मे वर्गीकृत है जबकि के झाँसी जनपद मे सहरिया अनुसूचित जाति के रूप मे वर्गीकृत है | इस प्रकार सहरिया जाति को उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों मे भी अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया जाना न्यायोचित है | इसके अलावा गोंड़ जाति उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद मे अनुसूचित जनजाति तथा ललितपुर मे अनुसूचित जाति के रूप मे वर्गीकृत है
भारत सरकार को इन सभी विसंगतियों को दूर करने हेतु अविलम्ब कदम उठाकर समुदायगत कुंठा को दूर करना चाहिए |

अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम के लिए श्री जगन्नाथ सिंह पूर्व जिलाधिकारी, (झाँसी एवं चित्रकूट) द्वारा

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