Saturday, April 10, 2010

बुंदेलखंड में प्रसूति मृत्यु का अभिशाप

आजादी के 62 वर्ष बाद भी अभी हम महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह सुनिश्चित नहीं कर पाए हैं कि महिलायें सुरक्षित, स्वस्थ एवं वैज्ञानिक परिवेश में बच्चे को जन्म दे सकें | बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूति सेवाओं में ढांचातंत्र का नितांत अभाव है और मेडिकल ऑपरेशन से बच्चा पैदा कराने की सुविधा न के बराबर है | सुदूर ग्रामीण अंचलों में गर्भवती महिलाएं जो की दाइयों, मिडवाईफ एवं झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे रहती है जो पेचीदे प्रसव में भी निजी स्वार्थवश गर्भवती स्त्री को गंभीर ख़तरा होने तक रोके रहती है | अत्यन्त गंभीर जान का खतरा उत्पन्न होने पर ही दूरस्थ स्थलों पर प्रसव हेतु ले जाने का परामर्श देती है | एक तो आस-पास विशेषज्ञ प्रसव सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती हैं साथ ही खराब सड़क तथा यातायात के साधन की कमी के कारण इतना समय नहीं रहता है कि गर्भवती स्त्री को बड़े शहरों तक ले जाया जा सके इस वजह से से मां अथवा बच्चा और कभी दोनों आसमयिक कालकवलित हो जाते हैं | आकड़ों के अनुसार बुंदेलखंड में 15 -25 % तक प्रसव के मामलों में यही स्थिति उत्पन्न होती है जो सभ्य समाज के लिए अत्यंत शर्मनाक है |
      इस प्रकार कि गंभीर स्थिति के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ सामाजिक जागरूकता और जवाबदेही का अभाव है | स्वयंसेवी संगठन भी इस दिशा में कुछ ख़ास और प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं | जन प्रतिनिधि इस दिशा में पूर्णतया उदासीन रहते हैं क्योंकि इसमें उनको कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं दिखता इस बदहाली में महिलाएं ही भुक्तभोगी होती हैं और उनके इस दर्द के निराकरण के लिए कोई आवाज़ नहीं उठाता |
इस स्थिति का निराकरण तभी संभव हो सकता है जब तहसील स्तर पर पूर्ण सुसज्जित मोबाइल हॉस्पिटल वैन उपलब्ध हों जो संचार माध्यमों से ग्राम स्तर में पूर्णतया जुड़ीं हों | ग्राम स्तर पर दाइयों, आशा कर्मचारियों, मिडवाईफ एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ता ऐसे मोबाइल हॉस्पिटल वैन से निरंतर संपर्क में बने रहें इस उत्तरदायित्व की पूर्ति स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा प्रभावी आन्दोलन के माध्यम से ही हो सकती है | औद्योगिक घरानों द्वारा ऐसी स्वयंसेवी संस्थाओं को मोबाइल हॉस्पिटल वैन मय उपकरण, स्टाफ आदि की व्यवस्था करायी जाये तभी वैज्ञानिक ढंग से सुरक्षित प्रसव व्यवस्था संभव हो सकेगी |
सरकार द्वारा भी वर्तमान स्थिति की समीक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए जिससे की बुंदेलखंड की ललनाएं गौरवशाली भविष्य को जन्म देकर क्षेत्र की समृद्ध और ताकतवर विरासत का हिस्सा बना सकें |

अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम के लिए श्री जगन्नाथ सिंह पूर्व जिलाधिकारी, (झाँसी एवं चित्रकूट) द्वारा

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