उपरोक्त से यह स्वतः स्पष्ट है कि धन और राजनीति बर्तमान समय की सबसे बड़ी बुराईयां हैं और इन दोनों बुराईयों पर नियंत्रण पाना बहुत आवश्यक है | यह भी एक नंगा सच है कि व्यक्तिगत व सामाजिक क्षेत्र मे धन और राजनीति की साधन के रूप मे जरुरत होती है | जब तक यह दोनों साधन के रूप मे हैं हैं ,तब तक यह दोनों उपयोगी हैं | परन्तु धन व राजनीति जब साधन के बजाय साध्य बन जाती हैं ,तो ये व्यक्ति व समाज के लिए हितकर नहीं रह जाती हैं | अतयव आज इन पर नियंत्रण करना इस दृष्टि से आवश्यक है कि यह दोनों साधन के रूप मे इनकी उपयोगिता बनी रहें और यह साध्य न बनने पायें |
व्यष्टि और समष्टिगत क्षेत्र से धन व राजनीति की वापसी लोकहित मे बहुत जरुरी है | पर यह अत्यधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण काम है ,क्योंकि इन दोनों की जड़े बहुत गहरी हैं और सम्पूर्ण व्यवस्था को ही जकड रखा है |अतयव इन दोनों के विरुद्ध कार्यवाही होने पर व्यवस्था ही इनके साथ खड़ी हो जाएगी | अतयव इस प्रयोजन से एक नई व्यवस्था का प्रावधान करना होगा |
वैसे इस समस्या का वास्तविक समाधान है | राजनीति और धर्म की वापसी तथा साधन के रूप मे उनकी प्रतिष्ठा करना | यह एक अत्यधिक दुरूह कार्य है , क्योकि जब बुराइयों की जड़े काफी गहराई तक चली जाती हैं तो उन्हें जड़ समेत उखाड़ना बहुत कठिन हो जाता है |
अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम के लिए श्री जगन्नाथ सिंह पूर्व जिलाधिकारी, (झाँसी एवं चित्रकूट) द्वारा
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